आकाश ने आँटी की गाण्ड पे हाथ फेरते हुए कहा- “यह मेरा बहुत अच्छा दोस्त और यहाँ का मशहूर बिसनेसमैन शाहिद खान है…” और आकाश अपने कपड़े उतारकर नंगा हो गया।
उसके लण्ड को देखते ही मेरी साँसें ऊपर-नीचे होने लगी। मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और नशे के कारण में अपने आपको रोक नहीं पाई और आकाश के लण्ड को अपने हाथों से पकड़कर सहलाने लगी।
आकाश ने सोनाली आँटी को पकड़कर उस आदमी की तरफ बढ़ा दिया और कहा- “खान साहब मजे लो देख क्या रहे हो?”
खान ने आँटी को बेड पर पटक दिया और उसके होंठों को चूसने लगा। आँटी भी गरम होने लगी और उसका साथ देते हुए उसे चूमने लगी। कुछ देर बाद खान ने आँटी की कमीज उतार दी। खान ब्रा में कैद आँटी की बड़ीबड़ी चूचियां देखकर पागल हो गया और आँटी की ब्रा को खींचकर फाड़ दिया। आँटी की नंगी चूचियों को उसने अपने हाथों से मसलते हुए अपने मुँह में ले लिया और जोर से चूसते हुए काटने लगा।
आँटी के मुँह से- “अह्ह… ओह्ह… इस्स्स्स…” की सिसकियां निकलने लगी।
मैं भी बहुत गर्म हो रही थी। मैं अपनी जीभ निकालकर आकाश के लण्ड को चाटने लगी और अपने हाथ से उसकी गोटियों से खेलने लगी। उधर आँटी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। उसने खान को नीचे गिराते हुए उसकी शर्ट और पैंट उतार दी। आँटी अपनी दोनों टाँगें फैलाकर खान के पेट पर बैठ गई और अपनी बड़ी-बड़ी चूचियां उसके सीने पर रगड़ने लगी। खान के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी।
आँटी ने नीचे होते हुए खान का अंडरवेर उतार दिया। अंडरवेर उतरते ही उसका गोरा, लंबा और बहुत मोटा लण्ड बाहर उछलने लगा। मैं खान का लण्ड देखकर बहुत उत्तेजित हो गई और आकाश की गोटी को अपने हाथों से मसलते हुए उसके लण्ड का टोपा अपने मुँह में ले लिया।
आकाश के मुँह से ‘अहह’ निकल गई। वो मुझे बालों से पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा।
आँटी खान का लण्ड देखकर पागल हो चुकी थी। खान का लण्ड आकाश के लण्ड से थोड़ा लंबा और उससे भी ज्यादा मोटा था। आँटी ने खान के लण्ड को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और हिलाने लगी। उत्तेजना के मारे । उसकी साँसें लण्ड हिलाते हुए बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। अचानक चाची अपना मुँह खोलकर लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी, मगर खान का लण्ड बहुत मोटा था वो उसके मुँह नहीं आ रहा था। सोनाली आँटी ने अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को बाहर से चाटते हुए हल्का सा काट दिया।
खान उछल पड़ा- “अह्ह… यह क्या कर रही हो मारने का इरादे है क्या?”
साली- “क्या करूं मेरे मुँह में तो नहीं आ रहा है, बाहर से ही खा लें थोड़ा सा…” और हँसने लगी। आँटी ने अपनी जीभ निकाली और खान के लण्ड के खुले हुए गुलाबी टोपे को चाटने लगी।
खान के मुँह से मजे से ‘अहह’ निकल गई।
आकाश यह सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गया था। वो मेरे सिर को पकड़कर अपना लण्ड बहुत जोर से मेरे मुँह में अंदर-बाहर कर रहा था। मेरा ध्यान भी आँटी की तरफ था और मैं बहुत गर्म हो चुकी थी। मुझे पता ही नहीं चला था की आकाश का आधा लण्ड मेरे मुँह में घुस चुका था, और वो हर धक्के के साथ मेरे गले को छू रहा था।
आँटी खान के लण्ड को टोपे से लेकर आखिरी हिस्से तक जीभ से चाट रही थी। खान आँटी की जीभ की गर्मी से मजे में पागल हो रहा था। अचानक उसने उठते हुए चाची को नीचे बेड पर पटकते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और अपना भयानक लण्ड आँटी के होंठों पर रख दिया। खान आँटी की चूचियों के नीचे बैठा था और उसकी गोटियां आँटी की बड़ी-बड़ी छातियों को छू रही थी। आँटी ने अपने मुँह को खोला, खान अपने लण्ड को आँटी के मुँह में दबाव देते हुए डालने लगा।
आँटी ने अपना मुँह बहुत जोर से खोल रख था। खान के लण्ड का टमाटर जैसा लाल सुपाड़ा आँटी के मुँह में घुस गया। खान के मुँह से ‘ओह’ निकल गई। खान अपने सुपाड़े को आँटी के मुँह में थोड़ा-थोड़ा हिलाते हुए अंदर-बाहर करने लगा।
मैं यह सब देखकर इतनी गर्म हो गई की मैंने आकाश के लण्ड के अपने मुँह से निकालकर उसे नीचे गिरा दिया। मैं अपनी चूत को उसके लण्ड पर सेट करते हुए एकदम उसपर बैठ गई। आकाश का लण्ड मेरी गीली चूत में अपनी जगह बनाता हुआ मेरी चूत की जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से मजे और उत्तेजना के मारे- “आहहह… इस्स्स्स …” निकल गई। मैं अपने चूतड़ों को उठा-उठाकर आकाश के लण्ड पर उछलने लगी।
आकाश ने मेरी हिलती हुई चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मैं अपने चूतड़ों को आकाश के टोपे तक ऊपर उठाकर फिर से नीचे बैठ जाती। कुछ ही देर बाद मैं अपने चूतड़ उछालते हुए ‘आहहह’ करते हुए झड़ने लगी। मैं आकाश के लण्ड पर बैठे-बैठे ही आकाश की छाती पर अपना सिर रखकर ढेर हो गई।
उधर खान अब अपने लण्ड का चौथाई हिस्सा आँटी के मुँह में घुसा चुका था और वो उसे आगे-पीछे कर रहा था।
आँटी के मुँह से पूँ-हूँ की आवाजें निकल रही थी। अचानक खान ने अपना लण्ड आँटी के मुँह से निकाल लिया। मुँह से लण्ड निकलते ही आँटी खांसने लगी।
खान आँटी की दोनों भारी छातियों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपना लण्ड उनके बीच में डालकर आगेपीछे करने लगा। आँटी के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकल रही थी। खान का लण्ड आँटी की चूचियों के बीच होता हुआ उसके मुँह तक आ रहा था, जिसे आँटी अपनी जीभ निकालकर चाट लेती।
मैं फिर से गरम हो रही थी और अपने चूतड़ उछाल रही थी। आकाश मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी चूचियों को चूसते हुए नीचे से धक्के लगाने लगा। मैं मजे में फिर से हवा में उड़ने लगी।
खान आँटी की छातियों को छोड़कर नीचे जाने लगा और आँटी की सलवार उतारकर उसकी गीली पैंटी को अपनी जीभ से चाटने लगा। आँटी की आँखें मजे से बंद हो गई, उसे खान की जीभ गीली पैंटी के होते हुए भी अपनी चूत पर महसूस हो रही थी। खान ने आँटी की पैंटी भी निकल दी और उसकी गोरी चूत को देखते हुए जीभ अपने होंठों पर घूमने लगा। खान ने आँटी की दोनों टाँगों को खोला और अपनी नाक उसकी चूत तक लाकर सँघने लगा।
आँटी की चूत की अजीब महक खान को पागल बना रही थी। खान ने अपनी जीभ निकाली और आँटी की चूत के दाने को छेड़ने लगा। आँटी मजे से छटपटाने लगी और अपनी टाँगें जितना हो सकती थी खोलकर खान के बालों को सहलाने लगी। खान ने अपनी जीभ नीचे लेजाकर आँटी की चूत के मोटे होंठों को चाटते हुए अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी।
आँटी के मुँह “ओह्ह’ एक हल्की सिसकी निकल गई। खान अपनी उंगली अंदर-बाहर करते हुए अपनी जीभ से आँटी की गाण्ड चाटने लगा। आँटी मजे के मारे अपना सिर इधर-उधर पटकने लगी। खान ने दूसरी उंगली भी आँटी की चूत में डाल दी और बहुत जोर से अंदर-बाहर करने लगा। आँटी की चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था और वो मजे से ‘आह्ह्ह.. ओहह..’ कर रही थी। अचानक खान ने आँटी के चूत से अपनी उंगलियां निकालते हुए आँटी के मुँह में डाल दी।
आँटी अपनी चूत का रस चाटने लगी।
खान ने आँटी से कहा- “तुम मेरे लण्ड को अपनी जीभ से चिकना करो…”
आँटी ने अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड को ऊपर से नीचे तक चिकना कर दिया। खान ने आँटी को सीधा लेटाते हुए उसकी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया। आँटी की चूत खान के बिल्कुल सामने थी। खान अपना लण्ड आँटी की चिकनी चूत पर रगड़ने लगा। आँटी का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था।
इधर मैं भी बहुत गरम हो चुकी थी और बहुत जोर से आकाश के लण्ड पर उछलने लगी। खान ने अपना लण्ड आँटी के चूत पे निशाने पर रखा और एक बहुत जोर का धक्का मारा, खान का लण्ड आँटी की चिकनी चूत को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया।
आँटी के मुँह से एक भयानक चीख निकली- “ओईई… मर गई, फट गई, निकालो, तुम्हारा बहुत मोटा है…”
मैं यह सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गई और हाँफते हुए दूसरी बार झड़ने लगी।
उधर खान आँटी की टाँगों को जोर से पकड़कर अपने आधे लण्ड को जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। आँटी के मुँह से चीखें अब कम होते हुए सिसकियों में बदलने लगी। आँटी अब- “अह्ह… ओह… हाँ ऐसे ही मुझे बहुत मजा आ रहा है, मैं झड़ने वाली हूँ..” कहते हुए अपने चूतड़ उछालने लगी।
खान उसे ऐसे ही चोदता रहा। कुछ देर बाद आँटी ‘अहह’ करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी को झड़ते हुए देखकर अपने लण्ड को पूरा बाहर निकालकर एक जोर का धक्का मारा। उसका लण्ड आँटी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया।
आँटी के मुँह से फिर से चीख निकल गई- “ओह्ह… मर गई… तुम तो सच में मेरी चूत को फाड़ दोगे…” आँटी के झड़ने की वजह से उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, इसलिए खान का लण्ड आसानी से अंदर तक घुस गया था।
आकाश यह सब देखकर बहुत गर्म हो गया और उसका लण्ड मेरी चूत में ठुमके मारने लगा। मैंने भी अपनी चूत को सिकोड़कर उसका जवाब दिया। आकाश ने मुझे उल्टा करते हुए पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और दनादन धक्के लगाते हुए मेरी चूत को अपने वीर्य से भरने लगा। आकाश का गर्म वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही मैं भी झड़ने लगी। कुछ देर तक हम दोनों झड़ने के बाद निढाल होकर बेड पर लेट गये और खान और ऑटी का खेल देखने लगे।
खान अब अपने पूरे लण्ड से आँटी की चूत में धक्के लगा रहा था और उसके हर धक्के के साथ आँटी के मुँह से ‘अह्ह… ओहह… ओईईई…” निकल रही थी। खान इतने जोर से धक्के लगा रहा था की उसके हर धक्के के साथ गप-गप की आवाजें आ रही थी। अचानक खान ने अपनी रफ़्तार बहुत तेज कर दी और हाँफते हुए अपने वीर्य से
आँटी की चूत को भरने लगा। आँटी भी ‘आहह’ करते हुए झड़ने लगी। कुछ देर तक दोनों झड़ते रहे और फिर निढाल होकर बेड पर गिर पड़े।
मैं खान के लण्ड की चुदाई देखकर बहुत उत्तेजित हो गई थी। मैं बेड के पास गई और उसके ढीले लण्ड को गौर से देखने लगी। उसका लण्ड नजदीक से देखकर मेरी साँसें अटकाने लगी और मुझे नशा चढ़ने लगा। मैंने अपना हाथ बढ़ाकर खान के लण्ड को पकड़ लिया। मेरी साँसें बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। मेरा हाथ खान के लण्ड पर पड़ते ही उसका लण्ड फिर खड़ा होने लगा। उसका लण्ड वीर्य से गीला था। मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके लण्ड पे पड़े वीर्य को चाटने लगी। उसके लण्ड से अजीब गंध आ रही थी। खान के वीर्य का स्वाद भी अजीब था। मगर मुझपर ऐसा नशा छा रहा था की मैंने उसके लण्ड को ऊपर से नीचे तक चाटकर साफ कर दिया। मैं अपने हाथ से उसके लण्ड को सहलाने लगी। ।
खान का लण्ड अब पूरा तनकर खड़ा हो चुका था। खान ने उठकर मेरी चूचियों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा। खान के हाथ मेरी चूचियों पर पड़ते ही मैं सिहर उठी। खान ने अपनी जीभ निकालकर मेरी चूचियों के गुलाबी निपलों को चाटने लगा।
मेरे मुँह से मजे के मारे सिसकियां निकलने लगी। खान मुझ बेड पर लेटाते हुए मेरे ऊपर आ गया। मेरी छातियां उसके मजबूत सीने में दब गई और उसका लण्ड मेरे पेट पर ठुमके मारने लगा। मेरा उत्तेजना के मारे बुरा हाल था। मैं बुरी तरह काँप रही थी।
खान ने अपने होंठ मेरे काँपते हुए गुलाबी होंठों पर रख दिए। खान मेरे नीचे वाले होंठ को बहुत जोर से चूस रहा था। मैं उसका साथ देते हुए अपने हाथ से उसके पीठ को सहला रही थी। खान कुछ देर तक मेरे होंठों का रस चूसता रहा और फिर अपनी जीभ निकालकर मेरे मुँह में डाल दी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मैं उसकी जीभ को पकड़कर चाटने लगी। कुछ देर खान की जीभ को चाटने के बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जो खान बड़े प्यार से चूसने लगा।
कुछ देर बाद खान मेरे होंठों को छोड़कर मेरे कंधे को चूमते हुए अपनी जीभ निकालकर मेरे कान के नीचे वाले हिस्से पे फिराने लगा। मुझे अजीब सी गुदगुदी और मजे का अहसास हो रहा था। खान ने मेरे कान के लौ को अपने मुँह में लेकर हल्का काट दिया। मेरा सारा जिम मजे से सिहर उठा।
खान अब मेरे कान को छोड़कर नीचे होते हुए मेरी चूचियों को चूमता और चाटता हुआ और नीचे होने लगा। खान अब मेरे पेट तक आ चुका था। वो अपनी जीभ निकालकर मेरे पेट पे फिराने लगा। मैं अब उत्तेजेना के मारे अपने सिर को इधर-उधर कर रही थी। मेरी चूत में आग लगी हुई थी और उसमें से पानी की बूंदें निकल रही थी। खान अब और नीचे होते हुये मेरी चूत तक आ गया। वो अपना मुँह मेरी चूत तक ले आया, मैंने अपनी टाँगों को फैला दिया।
खान ने अपनी नाक को मेरी चूत पर रखते हुए उसे पूँघने लगा। खान को मेरी चूत की गंध मदहोश कर रही। थी। उसे उसकी गंध बहुत अच्छी लग रही थी। खान अपनी नाक मेरी चूत के बिल्कुल करीब लाकर अपनी सांस पीछे खींच रहा था। खान कुछ देर तक मेरी चूत को सँघता रहा और फिर अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत से निकलते हुए रस को चाटने लगा। खान की जीभ मेरी चूत पर पड़ते ही मजे से मेरे मुँह से ‘आह’ निकल गई। खान ने मेरी चूत को ऊपर से थोड़ा चाटने के बाद अपनी उंगलियों से उसकी पतली दीवार को चौड़ा करके अपनी जीभ उसमें घुसा दी।
मेरे मुँह में मजे के मारे- “आह्ह्ह… मैं मरी..” निकल गया।
मैं उत्तेजना के मारे लाल हो चुकी थी। खान अपनी जीभ मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। मैं अपने चूतड़ उठाउठाकर उसकी जीभ को अपनी चूत में महसूस करने लगी। अचानक खान ने अपनी जीभ मेरी चूत से निकालकर मेरी टाँगों को और चौड़ा करते हुए एक तकिया मेरी कमर के नीचे रख दिया। मेरी चूत और गाण्ड दोनों ऊपर उठ गई। खान ने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा। खान उंगली को तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए अपनी जीभ निकालकर मेरी गाण्ड के छेद पे फिराने लगा।
मेरा सारा जिश्म मजे से काँपने लगा। मेरी साँसें फूलने लगी। मुझे आज तक ऐसा मजा कभी नहीं आया था। मैं ‘आअह्ह्ह… इस्स्स्स … करते हुए झड़ने लगी और अपनी आँखें बंद कर ली। मुझे झड़ता हुआ देखकर खान मेरी चूत में दो उंगलियां घुसकर आगे-पीछे करने लगा और अपनी जीभ से मेरे गाण्ड के छेद को चाटने लगा।
कुछ देर झड़ने के बाद मैंने अपनी आँखें खोली, खान अभी तक मेरी गाण्ड को चाट रहा था। उसके गाण्ड चाटने से मेरी गाण्ड का छेद अपने आप थोड़ा खुलकर फिर से बंद होने लगा। खान ने अब मेरी गाण्ड को छोड़कर मेरी टाँगों को ऊपर उठाकर घुटनों तक मोड़ दिया और अपना लण्ड मेरी चिकनी चूत पर ऊपर से नीचे तक रगड़ने लगा। उसका लण्ड पूरा तना हुआ था और उसका टोपा किसी टमाटर की तरह लाल और बहुत मोटा दिख रहा था।
मैं उत्तेजना के मारे फिर से गरम हो गई और मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी। मेरा सारा जिश्म उत्तेजना के मारे काँप रहा था, मेरे सारे जिम में खौफ और रोमांच की लहर दौड़ रही थी।
आँटी और आकाश इतनी देर से हमारा खेल देखकर बहुत उत्तेजित हो चुके थे, इसीलिए आकाश ने अपना खड़ा लण्ड आँटी के मुँह में डाल दिया था, जो आँटी बड़े प्यार से चूस रही थी।
खान ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत के होंठों को खोलकर अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के सुराख में रखा और मेरी तरफ देखने लगा। खान ने कहा- “थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना…”
मैंने उसकी आँखों में देखते हुए वासना में डूबे हुए उससे कहा- “जो करना है जल्दी से करो… मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकती…”
खान ने मेरी जांघों को कसकर पकड़ते हुए अपने लण्ड पर जोर का दबाव डाला। खान के लण्ड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुँह से एक चीख निकल गई ‘ओईईई’ उसके लण्ड का सुपाड़ा बहुत मोटा था। उसने मेरी चूत को इतना फैला दिया की मुझे महसूस हो रहा था किसी ने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पकड़कर फाड़ दिया हो। मैंने अपने हाथों से अपना मुँह बंद कर दिया और अगले लम्हे का इंतजार करने लगी।
खान ने एक जोर का धक्का मारा और उसका लण्ड मेरी चूत को फैलाता और अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से एक बहुत बड़ी चीख निकली जो मेरे हाथों में दब गई। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। खान ने अपना लण्ड मेरी चूत की जड़ तक डाले हुये ही मेरे ऊपर आ गया और अपने हाथों से मेरी चूचियां मसलता हुआ अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगा।
मुझे अब चूत में कुछ सुकून महसूस हुआ और मेरा सारा जिश्म फिर से गरम होने लगा। मैंने अपने चूतड़ उछालकर खान को सिगनल दिया। खान मेरे ऊपर से उठते हुए अपने लण्ड को बाहर खींचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में महसूस हो रहा था। उसके लण्ड की रगड़ मेरे सारे जिश्म में उत्तेजना पैदा कर रही थी और मेरे मुँह से अजीब तरह की आवाजें निकलने लगी। उसका लण्ड इतना मोटा था की उसके लण्ड बाहर खींचने से उसके लण्ड के साथ मेरा पानी भी बाहर निकलने लगा।
मेरे मुँह से ‘आअह्ह्ह’ निकली और मैंने अपनी आँखें बंद कर ली।
खान मुझे झड़ता हुआ देखकर अपने लण्ड को जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैंने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, तो खान का लण्ड मेरी चूत के आखिरी हिस्से तक रगड़ रहा था। मैं फिर से गर्म होने लगी और चूतड़ उछाल-उछालकर खान से ताल पे ताल मिलाने लगी। खान अपना लण्ड जब बाहर खींचकर अंदर डालता तो मैं अपने चूतड़ उछालती और दोनों की जड़ें मिल जाती।
कुछ देर बाद खान मुझको तूफान की रफ्तार के साथ चोदने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। खान इतने जोर के धक्के लगा रहा था की मेरा सारा जिम खान के हर धक्के के साथ पूरा कांप रहा था। खान ऐसे ही धक्के लगाते हुए मेरी चूत में अपना वीर्य गिराने लगा।
उसके गर्म वीर्य के अहसास से मेरी चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया और मैं “आहहह.. ओहह…’ करते हुए झड़ने लगी। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। खान न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को अपने वीर्य से भरता रहा और फिर निढाल होकर मेरे ऊपर गिर पड़ा।
आकाश और सोनाली आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गर्म हो चुके थे। आकाश ने सोनाली के मुँह से अपना लण्ड निकाला और उसे उल्टा लेटाकर अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। लण्ड घुसते ही। आँटी ने मुँह ‘अहह’ निकल गई। आकाश अपने लण्ड से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, वो अपना पूरा लण्ड सुपाड़े तक निकालकर अंदर पेल रहा था।
सोनाली आँटी के मुँह से अब मजे से गालियां निकलने लगी- “ओह्ह… अहह… हाँ ऐसे ही मुझे चोदते रहो, आकाश तुमने मुझे रंडी बना दिया। मेरे साथ मेरी भांजी भी रंडी बन गई, मगर धन्नो की चूत में मुझसे ज्यादा आग है। मैंने शादी से पहले किसी से नहीं चुदवाया था, मगर यह तो मुझसे बड़ी छिनाल निकली, शादी से पहले ही हर लण्ड का मजा ले लिया…”
आँटी के मुँह से ये सब सुनकर मैं हैरत में पड़ गई, मैं सोच रही थी आँटी को क्या हो गया है जो ऐसी गालियां निकाल रही हैं? आकाश ने भी आँटी की चूत को जोर से चोदते हुए उसके चूतड़ पर थप्पड़ मार रहा था। आँटी की गाण्ड आकाश के थप्पड़ों से बिल्कुल लाल हो गई थी।
आकाश ने आँटी को थप्पड़ मारते हुए कहा- “साली छिनाल, तुम धन्नो को छिनाल कह रही हो, तुम खुद कितनी बड़ी रंडी हो तुम्हें पता है? जय के कहने पर मुझसे चुदवाया और मेरे लण्ड की दीवानी हो गई और तुमने धन्नो को मुझसे चुदवाया और मेरे कहने पर यहाँ दो लण्डों का मजा ले रही है। तुम अपने घर में अगर दूसरे मर्दो को बुलाकर चुदवायेगी तो उसे देखकर तुम्हारी भांजी तो जरूर गर्म होगी.”
आँटी झड़ने के बिल्कुल करीब थी, वो अपनी साँसों को संभालते हुए आकाश के लण्ड पर अपने चूतड़ों से धक्के लगाने लगी और कहने लगी- “आकाश तुम्हारे लण्ड को चखकर मुझ पता चला की बड़े और मोटे लण्ड से चुदवाने में कितना मजा आता है…”
खान इतनी देर से यह सब देखकर फिर से गरम होने लगा और वो उठकर आँटी के मुँह के करीब आ गया। आँटी खान के लटकते हुए लण्ड को अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। खान ने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। आँटी पूरे जोश के साथ खान का लण्ड चाट रही थी। अचानक आँटी का बदन अकड़ने लगा और वो हाँफते हुए ओहह… करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी का सिर पकड़कर अपना लण्ड उसके मुँह में ढूंस दिया और उसे आगे-पीछे करने लगा। आँटी के मुँह से गैंगू की आवाजें निकालने लगी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। कुछ देर लण्ड आगे-पीछे करने के बाद खान ने अपना लण्ड आँटी के मुँह से निकाला। खान का लण्ड अब बिल्कुल तन चुका और आँटी की थूक से चमक रहा था।
खान ने आकाश को कहा- “तुम लेट जाओ और इस अपने ऊपर ले लो..”
आकाश नीचे लेट गया और आँटी अपनी दोनों टाँगें फैलाकर आकाश के लण्ड पे बैठ गई। आकाश नीचे से धक्के लगाने लगा और आँटी भी अपने चूतड़ उछालने लगी।
खान कुछ देर ऐसे ही दोनों को देखता रहा और फिर आँटी के पीछे जाकर बैठ गया और उसकी गाण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगा।
मैं समझ गई की खान आँटी की गाण्ड मारना चाहता है। मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी। मैं सोच रही थी की इतना मोटा लण्ड आँटी की गाण्ड की क्या हालत करेगा? अब खान अपनी जीभ निकालकर आँटी की गाण्ड पर फिराने लगा। खान ने मुझे अपने पास बुलाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। मैं अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
आकाश ने धक्के लगाने बंद कर दिये थे। आँटी भी खान की जीभ अपनी गाण्ड पर महसूस करके बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी। और उसके मुँह से अह्ह… की आवाजें निकल रही थी। आकाश ने आँटी की कमर को पकड़कर उसे नीचे झुका लिया था। इस पोजीशन में आँटी की गाण्ड खुलकर खान के सामने आ गई थी। आकाश सोनाली की चूचियों को अपने मुँह में लेकर चाट रहा था।
खान अपनी जीभ को आँटी की पूरी गाण्ड पर फिराते हुए उसकी गाण्ड के छेद पर आकर रुक गया। आँटी अपनी गाण्ड के छेद पर खान का लण्ड महसूस करते ही अपनी गाण्ड को सिकोड़कर फिर खोलने लगी। आकाश ने अपनी जीभ को कड़ा किया और जैसे ही आँटी ने अपनी गाण्ड को खोला खान ने उसे अंदर तक डाल दिया। आँटी के मुँह से मजे से एक चीख निकल गई- “ओईई.. अहह..”
खान ने थोड़ी देर तक उसकी गाण्ड को अपनी जीभ से चाटने के बाद अपनी दो उंगलियां उसकी गाण्ड में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद उसने अपनी तीसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में डाल दी, ऑटी के मुँह से ओह्ह… की हल्की चीख निकल गई। खान जोर से अपनी तीनों उंगलियां आँटी की गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा।
अब मैं भी बहुत गर्म हो चुकी थी और खान के लण्ड का टोपा मैंने अपने मुँह में ले लिया था जिसे मैं चूस रही थी। अचानक खान ने आँटी की गाण्ड में से अपनी उंगलियां निकाली और अपना लण्ड मेरे मुँह से निकालकर तीनों उंगलियां मेरे मुँह में डाल दी। मुझे पहले कुछ अजीब सा लगा मगर फिर मुझे उंगलियों में से आँटी के गाण्ड की महक अच्छी लगने लगी, और मैं खान की तीनों उंगलियों को चाटने लगी। खान ने अपनी तीनों उंगलियों को गीला करके फिर से आँटी की गाण्ड में डालकर उसे चिकना करने लगा।
खान ने मुझसे कहा- “अपनी जीभ से मेरे लण्ड को पूरा गीला करो..”
मैंने अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को टोपे से लेकर जड़ तक गीला कर दिया। खान अपना लण्ड मुझसे दूर करते हुए आँटी की गाण्ड पर रगड़ने लगा। आँटी के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकल रही थी। खान ने अपने मुँह से थूक निकालकर आँटी की गाण्ड और अपने सुपाड़े को गीला किया। खान ने अपना लण्ड आँटी की गाण्ड के छेद पर रख दिया और एक जोर का धक्का मार दिया।
खान के लण्ड का टोपा बहुत मोटा था वो फिसलकर गाण्ड की जगह ऊपर चला गया। खान ने आँटी से कहाअपनी गाण्ड को थोड़ा सा खोलो, उसे सिकोड़कर मत रखो…”
खान ने फिर से आँटी के दोनों चूतड़ों को पकड़कर एक धक्का लगाया और खान के लण्ड का टोपा आँटी की गाण्ड में फंस गया।
आँटी के मुँह से चीख निकल गई- “ओह्ह… खान तुम्हारा बहुत मोटा है, प्लीज… निकालो मुझे दर्द हो रहा है…”
मैं यह सब देखकर उत्तेजना के मारे बहुत गर्म हो रही थी और अपनी उंगली से अपनी चूत को सहला रही थी।
खान ने आँटी की ना सुनते हुए एक और जोर का धक्का लगाया। खान का लण्ड आँटी की गाण्ड को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया। आँटी के मुँह से एक भयानक चीख निकली- “ओईईई माँ… मर गई, मेरी गाण्ड फट गई…” और वो झटपटाने लगी।
खान ने उसे बहुत जोर से पकड़ रखा था, इसीलिए वो ज्यादा हिल नहीं पा रही थी। आँटी की गाण्ड से थोड़ा सा खून भी निकल रहा था, उसके लण्ड ने आँटी की गाण्ड को सच में फाड़ दिया था। कुछ देर बाद खान ने धक्के लगाने शुरू कर दिये। आँटी के मुँह से अब चीखों और सिसकियों की मिली-जुली आवाजें निकल रही थी।
आकाश भी नीचे से धक्के लगाने लगा, कुछ ही देर में आँटी फिर से गर्म हो गई और वो अपने चूतड़ उछालने लगी। आँटी को अपने दोनों छेदों में दोनों लण्डों की रगड़ पागल बना रही थी। वो हाँफते हुए आह्ह.. करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी को झड़ते हुए देखकर अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और एक जोर का धक्का मारकर पूरा लण्ड आँटी की गाण्ड की जड़ तक घुसा दिया।
आँटी के मुँह से फिर से एक बड़ी चीख निकल गई और वो झटपटाने लगी। खान अब झड़ने के बिल्कुल करीब था, वो आँटी की परवाह ना करते हुए बहुत जोर से अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। कुछ ही धक्कों के बाद वो हाँफता हुआ आँटी की गाण्ड में पिचकारियां छोड़ने लगा।
आकाश भी बहुत देर से अपने आपको रोककर रखा हुआ था, वो भी आह्ह्ह… के साथ आँटी की चूत में झड़ने लगा। आँटी अपने दोनों छेदों में वीर्य का अहसास होते ही अपना दर्द भूलकर झड़ने लगी। मैं भी अपनी उंगली की रफ़्तार तेज करते हुए झड़ने लगी। कुछ देर तक हम ऐसे ही निढाल पड़े रहे। कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपड़े पहन लिए।
मैंने आँटी से कहा- “बहुत देर हो गई है अब चलना चाहिये…”
आँटी भी बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर आ गई। वो थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी। मैं भी फ्रेश होने बाथरूम में चली गई। मेरी चूत में भी बहुत जलन हो रही थी। मैंने अपनी चूत को अच्छे तरीके से साफ किया और बाहरआ गई। आकाश ने हमें कार तक छोड़ दिया और हम कार में घर आ गये। घर आकर हम अपने-अपने कमरे में चले गये। मैं बहुत थकी हुई थी कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।
सुबह मुझे आँटी ने आकर जगाया। आँटी बोली- “बेटा कालेज नहीं जाना है क्या? जल्दी से उठकर फ्रेश हो जाओ…”
मैं उठकर बाथरूम में चली गई। मुझे पूरे शरीर में सुस्ती महसूस हो रही थी। मुझे चूत में अब भी थोड़ा जलन और दर्द महसूस हो रहा था। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपनी चूत को देखने लगी। मेरी चूत फूलकर डबल रोटी की तरह दिख रही थी। मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। मैंने अपने हाथ से उन्हें सहलाया और कमोड पर जाकर बैठ गई। मुझे बहुत जोर की पेशाब लगी थी। मेरी चूत से सीटी की आवाज के साथ पेशाब की धार निकलने लगी।
पेशाब करने के बाद मुझे कुछ अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने कमोड से उठकर शावर ओन किया और ठंडे पानी से अपने जिश्म को धोने लगी। मैं साबुन उठाकर सारे जिश्म पर मलने लगी। मैंने अपनी चूत पर भी साबुन लगाया और उसे रगड़-रगड़कर साफ करने लगी। मैंने अपनी चूत में उंगली डालकर उसे अंदर से साफ किया। मेरी चूचियों पे लाल निशान पड़ चुके थे, क्योंकी रात को आकाश और खान ने मेरी चूचियों को बहुत जोर से चूसा और मसला था।
मैं फ्रेश होकर बाहर निकल आई, बिंदिया और करुणा पहले से तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर बैठी थी। हम सभी ने मिलकर नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद बिंदिया और मैं कालेज के लिए निकल गये।
कालेज में पहुँचकर मैं अपने क्लास में चली गई। क्लास में दाखिल होते ही कृष्णा ने मुझे देखा और इशारे से मुझे अपने पास बैठने को कहा। मैं कृष्णा के साथ जाकर बैठ गई। मेरे बैठते ही कृष्णा ने मेरी कमर में हाथ डाल दिया और मुझसे हेलो कहा। मैंने मुश्कुराकर कर उसके हेलो का जवाब दिया।
कृष्णा ने अपना हाथ मेरी कमर से सरकाते हुए मेरी गाण्ड तक ले गया और उसे सहलाने लगा। उसके हाथ कि हरकत से मेरी आँखें बंद होने लगी और मुझे अजीब सा नशा चढ़ने लगा। मैं उसकी हरकत से सिहर उठी। मैंने अपने आपको संभाला, मैं जानती थी की क्लास में हमें कोई भी देख सकता है। मैंने अपना हाथ बढ़ाकर कृष्णा के हाथ को पकड़कर दूर झटक दिया।
क्लास खतम होने के बाद हमारा फ्री पीरियड था। मैंने सोचा की अभी फ्री पीरियड है, तो मुझे करुणा के स्कूल जाकर उस लड़के को देखना चाहिए जो डेली करुणा को तंग करता है।
कृष्णा ने फ्री पीरियड देखकर कहा- “चलो बाहर घूमकर आते हैं…”
मैं समझ गई की कृष्णा मुझे फिर से वहीं लेजाकर चोदना चाहता है। मैं आकाश और खान के बड़े लण्डों से चुदवाकर बहुत खुश थी। इसीलिए मैंने कृष्णा को टालते हुए कहा- “आज नहीं, मेरी तबीयत खराब है…”
कृष्णा ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “चलो ठीक है। अगर तुम्हारा मूड नहीं है तो मैं करिश्मा के साथ घूमने चला जाता हूँ..”
कृष्णा के जाते ही मैंने सुख का साँस लिया। मैं क्लास से बाहर निकली ही थी के मेरी नजर रोहन पर पड़ी। रोहन अपनी बाइक निकाल रहा था।