मैंने लता आंटी को अपने लंड की ओर नजर कराते हुए कहा- इसकी कुछ तो चिंता करो.
आंटी बोलीं- तूने मीना की चुदाई देख ली है, इसलिए तेरा लंड इतना कड़क हो रहा है.
मैंने हंस कर आंटी को देखा.
फिर लता आंटी अपने मुझे बाथरूम में लेकर गईं और मेरे लंड से खेलने लगीं.
मैंने लता आंटी के मुँह में लंड दे दिया और लंड चुसवाने लगा.
मैं लंड हिलाते हुए बोला- अच्छा हुआ कि आप मिल गईं … नहीं तो मुझे मुठ मार के सोना पड़ता.
लता आंटी मस्ती से मेरे लंड को चूस रही थीं.
मैंने लता आंटी के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था. आंटी भी उत्तेजित हो गई थीं. उन्होंने मुझे चुदाई करने का इशारा किया, तो मैंने देर न करते उनकी मैक्सी को निकाल दिया. फिर मैंने लता आंटी को कुतिया बनाया और उनकी चुत में पीछे से लंड डालकर उनको चोदने लगा.
लता आंटी धीरे-धीरे ‘आह आई ईईई..’ की आवाज़ निकाल रही थीं.
मैंने लता आंटी से कहा- एक बात बोलूं?
लता आंटी बोलीं- हां बोल न मेरी जान?
मैंने कहा- मुझे अपने दोस्त की बीवी की चुदाई करनी है.
लता आंटी बोलीं- अभी कल तू यहीं रूक जा … कल घर पर कोई नहीं होगा. तब कुछ करते हैं.
मैं मस्ती से लता आंटी को चोदने लगा. कुछ पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पूरा वीर्य आंटी की चुत में डाल दिया. आंटी भी मस्त हो गई थीं.
जब मैं और लता आंटी चुदाई करके बाथरूम से बाहर आए तो सामने मीना खड़ी थी.
मीना ने हम दोनों से कहा- मैंने सब कुछ देख भी लिया और सुन भी लिया है.
लता आंटी चुपचाप खड़ी थीं.
मीना ने कहा- हितेश जी, आप तो बहुत अच्छी तरह से मम्मी की चुदाई कर रहे थे, ये सब मैंने देखा है.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुराने लगा.
मीना ने अपनी सासु मां से कहना शुरू किया- मम्मी जी, मुझे भी इनके लंड से चुदाई करवा दो. नहीं तो मैं पीयूष को सब बोल दूंगी.
मुझे वो बोली- आप अपने दोस्त की बीवी की चुदाई करो और मजा लो. मुझे भी मजा मिलेगा.
उसकी बात सुनकर लता आंटी ने मुझसे बोला- हितेश तू हॉल में जाकर बैठ … मैं अभी आती हूँ.
मैं हॉल में आ गया. वो दोनों लता आंटी के रूम के अन्दर चली गईं.
करीब 5 मिनट के बाद लता आंटी मेरे पास आईं और बोलीं- सब सैट हो गया है … चलो मेरे साथ.
मैं उनके साथ लता आंटी के रूम में चला गया. लता आंटी ने डोर को लॉक कर दिया. अन्दर जाकर मैं मीना के पास बैठ गया.
लता आंटी बोलीं- अब जल्दी से मीना को खुश कर दे, जैसे तू मुझे खुश करता है.
मैंने इतना सुना तो देर न करते हुए मीना को अपनी बांहों में लेकर किस करना शुरू कर दिया. मीना भी बेख़ौफ़ हो कर मेरे साथ मजे लेने लगी. मैंने मीना की मैक्सी को निकाल दिया और देखा.
आह मीना के चूचे तो बड़े मस्त थे. उसकी फिगर 32-28-36 की थी. मैंने मीना को बिस्तर पर चित लिटा दिया.
अब मैं अपना हाथ मीना के नंगे शरीर पर घुमाने लगा, फिर मैं मीना के मस्त रसीले मम्मों को सहलाते हुए दबाने लगा. मीना मस्त होने लगी थी. उसकी दबी हुई कामवासना जागने लगी थी.
मीना ने मेरे सारे कपड़े पूरी तरह से उतार दिए थे. मुझे नंगा होते देख कर लता आंटी ने भी अपने कपड़े निकाल दिए.
मीना ने मेरा सात इंच का लंड देखा और मदहोश आवाज में कहा- हितेश जी … आपका लंड तो बहुत बड़ा है, शायद इसी लिए मम्मी जी आपसे अपनी चुत की चुदाई करवाती हैं. आज मुझे भी बहुत मज़ा आने वाला है.
मैंने उसके मम्मे मसलते हुए कहा- मीना रानी … आज मैं बहुत अच्छे से तेरी चूत चोदूंगा.
वो मेरे लंड को हिलाने लगी.
मैं भी उसके नंगे बदन को किस करने लगा था. फिर मैंने अपनी जीभ से उसके शरीर को चूमना शुरू कर दिया. अपनी जीभ से उसके पेट को ऊपर से नीचे तक पूरा चूमने लगा. उसे इसमें बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं उसके पेट से नीचे होते हुए धीरे-धीरे उसकी चुत की ओर आ गया. मैंने चुत की फांकों पर जीभ को जरा सा टच किया, तो वो एकदम से सिहर गई. अगले ही पल मैं उसकी नंगी चुत को अपने मुँह में दबा कर चूसने लगा था.
उसकी किलकारी निकलने लगी थीं. मैं मीना के नंगे बदन को लगभग नौंच सा रहा था. उसके मम्मों को पकड़ कर उन्हें भंभोड़ रहा था, जिससे मीना कसमसाए जा रही थी.
फिर मैंने अपने हाथ की दो उंगलियों से उसके एक निप्पल को पकड़ा और मींजने लगा. वो और भी ज्यादा मचलने लगी. अब मैं पूरी ताकत से उसके दोनों निप्पलों को मथने लगा. इससे उसकी चुत ने रस छोड़ना शुरू कर दिया था.
उधर सामने लता आंटी अपनी चूत में उंगली कर रही थीं. मैंने उनकी तरफ देखा, तो लता आंटी भी चुत दिखाते हुए बेड पर आ गईं. आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उससे खेलने लगीं.
मैंने मीना की चुत के रस को चाटना शुरू कर दिया. मीना ‘आहह उन्ह उह उई..’ करने लगी थी.
मैंने लता आंटी के हाथ से लंड छुड़ाया और मीना से कहा- हां, अब चल साली तू मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस.
मीना ने झट से अपनी जीभ को मेरे लंड पर घुमाया. उसने लंड पूरी तरह से गीला कर दिया और वो लंड को अपने मुँह के अन्दर चूसने लगी.
दोस्तो, फिर कुछ समय बाद मैंने मीना को सीधा लेटा दिया. उसने भी चुत खोल कर अपनी चिकनी टांगें उठा दीं. मैंने उसकी चुत में लंड लगा दिया.
जैसे ही मैं लंड को अन्दर डालने लगा. अभी सुपारा ही अन्दर गया था कि मीना कराहने लगी- आह हितेश लंड को बाहर निकाल लो … आह बहुत मोटा लंड है … मैं नहीं झेल पाऊंगी … मैं मर जाऊंगी.
मैंने उससे कहा- मीना कुछ नहीं होगा … बस तू जरा सा साथ दे.
यह कहते हुए मैंने एक झटके में लंड को मीना की चुत में पेल दिया. मीना की आंख में आंसू आ गए थे. मैं उसकी पीड़ा देख कर जरा रूक गया.
अब लता आंटी, मीना से बोलने लगीं- मीना सहन कर ले … थोड़ा सा दर्द होगा फिर मजा ही मजा आएगा.