प्लीज भाभी. थोड़ा सा सहन कर लो!

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देवर भाभी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे बहन की शादी के समय भाभी और मैंने एक दूसरे को नंगा देख लिया. और फिर भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई कैसे हुई.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मोटाई में मेरा लौड़ा खड़ा होने के 3 इंच मोटा हो जाता है. मैं देखने में भी अच्छा हूं. मैं जिम भी करता हूं इसलिए मेरी बॉडी भी आकर्षक लगती है.

यह मेरे जीवन की सच्ची घटना भाभी की सेक्सी नंगी चूत की चुदाई है. मेरी भाभी का नाम सोनम है. मेरी भाभी 29 साल की बहुत ही सेक्सी औरत है. उनका फिगर 34-32-36 का है.
मेरी भाभी देखने में इतनी मस्त माल लगती है कि उसको देख कर ही लड़कों का लंड उनके लिए मचल जाता है.

यह देवर भाभी सेक्स स्टोरी उस समय की है जब मेरे घर पर मेरी बहन की शादी थी. शादी वाला घर था इसलिए सब मेहमानों का जमावड़ा लगा हुआ था. मेरा पूरा घर मेहमानों से भरा हुआ था.
मेरे घर में मेरा रूम नीचे था तो सभी लोग नीचे ही रुके हुए थे.

अब ऐसे में नहाने धोने की दिक्कत बहुत हो रही थी. इतने सारे लोगों के होते हुए नहाना भी किसी जंग जीतने के जैसा हो गया था.

एक दिन नीचे का रूम बिल्कुल खाली नहीं था इसलिए मैं नहा ही नहीं पा रहा था.

मेरी भाभी का रूम तीसरे माले पर था. उस वक्त उनके रूम में कोई नहीं था. मैंने भाभी से कहा= मेरा रूम खाली नहीं है. क्या मैं आपके रूम में नहा सकता हूं?
वो बोली- हां, नहा लो. मगर थोड़ा जल्दी करना क्योंकि मुझे भी नहाना है.
मैं बोला- ठीक है भाभी.

फिर मैं अपने कपड़े लेकर उनके रूम में चला गया. जैसे ही मैंने कपड़े उतारना शुरू किया तो तभी मेरी गर्लफ्रेंड का कॉल आ गया.

मैं बालकनी में जाकर बात करने लगा. उससे बात करते हुए मुझे 20 मिनट बीत गये. इस बीच शायद भाभी आ गयी होंगी. उन्होंने देखा होगा कि मैं रूम में नहीं हूं और सोच कर कि शायद मैं जा चुका हूं वो अंदर बाथरूम में नहाने लगी.

कॉल खत्म होने के बाद मैं भी अपने कपड़े उतार कर अंदर गया. मैं भी यही सोच रहा था कि रूम में कोई नहीं है. तभी मेरी नजर भाभी की पैंटी पर पड़ी. उनकी पैंटी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने भाभी की पैंटी उठा ली उसकी खुशबू लेते हुए अपने लंड की मुठ मारने लगा.

मुठ मारने के बाद मैं बाथरूम की ओर बढ़ा. अनजाने में शायद भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया था. वो सोच रही होंगी कि रूम में कोई नहीं है. मैंने भी सोचा कि बाथरूम में कोई नहीं है. इसलिए मैंने दरवाजा खोल दिया.

अंदर भाभी नहा रही थी. भाभी मेरे सामने नंगी थी. उनकी बड़ी सी मोटी गांड देख कर मेरी आंखें फटी रह गयीं. मेरा लौड़ा एकदम से टाइट हो गया. भाभी पलटी तो मेरी नजर उनकी भीगी चूचियों और गीली सेक्सी नंगी चूत पर पड़ी.

मैं तो मुंह फाड़ कर भाभी को देखता रह गया.
उन्होंने अपने हाथ से अपनी चूचियों को छिपाते हुए नंगी चूत को भी ढकने की कोशिश की लेकिन अभी भी सब कुछ दिख रहा था.
वो बोली- तुम यहां कर रहे हो?

फिर उनकी नजर मेरे तने हुए लौड़े पर गयी और चिल्लाकर बोली- बेशर्म, पीछे हट.
कह कर उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया.

मैं बाहर जाकर अपना अंडरवियर पहनकर बेड पर बैठ गया.

10 मिनट के बाद जब वो नहा कर निकली तो वो केवल पेटीकोट में थी. मैं शर्म के मारे नीचे देख रहा था.
मुझे देखकर सोनम भाभी बोली- अब सब कुछ तो देख ही लिया है. अब क्यूं शरमा रहा है?

मैं उठ कर नहाने के लिए जाने लगा.
तभी वो हंसते हुए बोली- तुम्हारा तो तुम्हारे भैया से भी बड़ा है.
उनकी बात पर मैं मुस्करा कर नहाने के लिए चला गया.

अंदर जाकर मैं दरवाजा हल्का खुला रख कर बाहर की ओर झांकने लगा. भाभी अपने कपड़े पहन रही थी. वो बिल्कुल नंगी थी. मगर शायद उनको शक हो गया था मुझ पर. बिना पलटे हुए ही वो बोली- बाहर आकर अच्छे से ही देख लो.

फिर मैंने दरवाजा बंद कर लिया और मैं नहाने लगा. पांच मिनट के बाद जब मैं नहा लिया और मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो भाभी साड़ी पहन कर बैठी हुई थी.

मैं बोला- भाभी मुझे मेरी पैंट दे दो.
वो बोली- यहीं आकर पहन लो. वहां तुम्हारे कपड़े गीले हो जायेंगे.

मैं बाहर निकल कर पैंट पहनने लगा.

मेरा लंड अभी भी तनाव में था. बल्कि सच कहूं तो नंगी भाभी को देखने के बाद से बैठा ही नहीं था.
वो बोली- तुम्हारा हर टाइम ऐसे ही खड़ा रहता है क्या? मैंने कई बार देखा है तुम्हें. जब तुम लोअर पहनते हो तो साफ साफ दिखता है.

मैं बोला- अब इसमें मेरी क्या गलती है भाभी?
वो बोली- गलती तो मेरी ही है. मुझे देख कर ही ये ऐसे खड़ा रहता है.
मैं बोला- तो फिर इलाज भी आप ही बता दो भाभी!

धीरे से मैं भाभी के करीब चला गया. अपना लंड उनके हाथ में देने ही वाला था कि मेरी बहन वहां पर आ गयी.
वो बोली- भाभी, नीचे आ जाओ, सब लोग आपको पूछ रहे हैं.
फिर बहन चली गयी.

चलते हुए भाभी बोली- बेटा सुधर जाओ.
ये बोल कर भाभी नीचे चली गयी.

मैं भी अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गया. 2 दिन के बाद मेरी बहन की शादी हो गयी. सब लोग अपने अपने घर चले गये.

शादी के बाद भैया ने भी जॉब पर जाना शुरू कर दिया. मैं अपने कॉलेज जाने लगा. दूसरे दिन मैं कॉलेज से घर लौटा तो घर में केवल भाभी और मम्मी थी. मां अपने रूम में थी और भाभी किचन में कुछ काम कर रही थी.

भाभी की गांड को देख कर मन करने लगा कि उनको पकड़ अभी चोद दूं लेकिन मैंने किसी तरह से खुद को रोक लिया.
फिर मैं किचन में पानी पीने के लिये गया.

मुझे देख कर भाभी मुस्कराते हुए पूछने लगी- आ गये?
मैं बोला- हां भाभी, कुछ काम था क्या?
वो बोली- काम तो तुझे ही है.

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