मैंने उसे डॉगी स्टाइल में लकर् पीछे से लंड चूत में डाल दिया..
मेरा लंड और जांघ उसके गोल गोल नितंबो से टकरा कर एक अलग ही नशा हो रहा था.. उसकी चूत बड़ी रसीली थी..
बलविंदर मेरे पास ही थी.. वो भी खुश थी.. लंड पूरा बाहर आता और फिर उसी स्पीड से अंदर जाता..
हमारा ये खेल कोई नहीं देख रहा था.. इतनी ठंड ने सेक्स का मज़ा डबल कर दिया..
मैं आंटी की कमर को छोड़ कर उसके रसीले दूध पकड़ लिए.. अब दूध के झटकों से सेक्स की गाड़ी चल पड़ी..
आंटी – यार सर्दी में सेक्स का मज़ा ही कुछ और है.. तुम पूरे घोड़े की तरह मेरे ऊपर चढ़ कर चोदो मेरे राजा.. आज बहुत मज़ा आ रहा है.. ओ या ओ या ओ या या या .. कम ओन..
मैंने अब उसके दोनों बूब्स को छोड़ कर उसके कंधे पर हाथ रख लिया.. सेक्स का ये स्टाइल बढ़िया था..
मुझे थोड़ा सा ही ज़ोर लगने पर ही खूब मज़ा आ रहा था.. लंड भी सही जा रहा था..
मैं लगातार चोदता जा रहा था..
बलविंदर मेरे सामने दोनों की चुदाई देख रही थी..
अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया सारा लंड उसकी चूत में था.. उसकी पीठ पर लेट गया..
उसकी पीठ को चाटने लगा वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो गई..
आंटी – यार हिलना मत ऐसे ही रहो.. प्ल्ज़ प्ल्ज़ मुझे मज़ा आ रहा है..
कुछ देर बाद मैं उतर कर फिर शुरू हो गया..
आंटी – यार अब धीरे – धीरे से चोदा – चादि करो.. मैं अभी झड़ना नहीं चाहती.. चलो थोड़ी देर रुक जाओ..
मैंने लंड बाहर निकाल दिया और लेट गया.. फिर मैंने बलविंदर की तरफ देखा.. वो मुस्कुराई..
मैंने उसको घोड़ी बना लिया.. उसकी चूत चुदने के लिए तैयार थी.. उसमे चिकनाई थी.. वो बहुत खुश थी..
अब मैं कभी चोदता कभी पूरा ऊपर चढ़ जाता और उसके दोनों दूध पकड़ कर चोदने लगाता..
मेरे लंड और दोनों पैर उसकी मुलायम गाण्ड और पैरो से भीड़ – भीड़ कर फट फट की आवाज़ कर रहे थे..
आगे के सारे शरीर में मज़ा ही मज़ा आ रहा था.. जहाँ – जहाँ मेरी बॉडी बलविंदर की बॉडी से टच कर रही थी वहाँ बहुत ही मज़ा आ रहा था..
अब मैंने बलविंदर को बेड के कोने पर ले आया और खुद ज़मीन पर खड़ा हो कर चोदने लगा.. अब ज़ोर कम लगाना पड़ रहा था..
बलविंदर के दूध पकड़ कर चोद रहा था..
बलविंदर – आआहा बहुत मज़ा आ रहा है चोदो.. आआहाआ मार गई..
मैं सारा लंड बाहर निकलता और फिर सारा अंदर डालता..
बलविंदर – जल्दी करो.. 2 मिनिट में काम होने वाला है.. भाभी को.. भी.. चोदना.. आहा मार दिया मुझे.. राजा जल्दी करो.. आआहाआ मार गई मैं.. चूत का सारा रस निकल दो.. .. साड़ी चूत चोदो.. .. मैं राजा की रानी हूँ.. रानी बना लो मुझे.. चलते रहो.. रुकना मत..
बलविंदर जल्दी झड़ गई.. मैं भी झड़ गया..
फिर भी और मज़ा आने वाला था.. आंटी तैयार तीस..
बलविंदर चूत मरवा कर खड़ी हो गई.. वो कपड़े पहन कर बाहर चली गई..
आंटी – यार आज बहुत मज़ा आया.. आओ फिर शुरू करें.. धीरे – धीरे स्पीड बढ़ाना..
पिंटू – ठीक है.. चलो घोड़ी बनो..
मैं उसको बेड के एक कोने पर ले आया.. खुद बेड के नीचे खड़ा हो कर धीरे – धीरे धक्के मारने लगा..
मेरे हर शॉट पर उसकी आ निकल रही थी..
हर धक्के का अपना मज़ा था.. अब मैंने बहुत ही धीरे धीरे लंड अंदर डालता..
फिर बाहर निकलता चूत के अंदर रगड़ खाने से लंड को बहुत मज़ा आ रहा था.. लोग ज़ोर ज़ोर से धक्के मार कर 5 मिनिट मैं सेक्स कर लेते है.. मगर ऐसे तो चाहे सारी रात मज़े लेते रहो..
आंटी – यार ये स्टाइल तो और भी मस्त है.. प्ल्ज़ ऐसे ही चोदो मुझे.. बहुत मज़ा है ऐसे करने में.. यार तुम्हारा लंड मस्त है मेरे राजा.. लगे रहो..
लंड हर बार चूत चीरता हुआ अंदर जाता तो हम दोनों को बहुत मज़ा आता..
30 मिनिट तक ये चलता रहा..
बीच में झड़ने वाली होती तो हम 5 मिनिट रुक जाते..
आंटी – अब रुकना मत.. अब मुझे चोद कर वो सुख दो.. आ.. ऊओ.. मेरी चूत.. मज़ा एयाया रहाा हाीइ.. ऊऊ.. चोदो याअर.. .. चोदो.. चोद मचा लो.. मेरी.. मेरी.. चूत तो अब.. .. आआहह.. एयाया.. य्ाआअ.. ऊऊवरीई..
मैं अब ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा..
थोड़ी देर में वो झड़ गई.. मैं भी उसके बाद झड़ गया..
सारा माल उसकी चूत में चला गया.. उसने कपड़े से चूत सॉफ की और लंड सॉफ किया.. हम दोनों बेड पर लेट गये..
बिस्तर काफ़ी मुलायम था.. हम थक चुके थे.. वो मेरे बालो को सहला रही थी.. मैं उसके दूध पर हाथ फेर रहा था..
वो खुशी से पागल हो रही थी.. बलविंदर भी आ गई.. हम दोनों नंगे ही थे.. मैं खड़ा था..
बलविंदर आई तो मैंने उसको पकड़ लिया..
पिंटू – चलो यार.. तुम्हारी आंटी और तुम दोनों की मस्त चुदाई कर दी.. अब लाओ मेरा गिफ्ट..
बलविंदर – क्या गिफ्ट चाहिए .?.
पिंटू – तुम को गिफ्ट देना ही होगा.. माना नहीं करना है..
बलविंदर – जो चाहे माँग लो..
पिंटू – देख लो देना ही होगा.. सोच लो..
बलविंदर – अगर मेरे पास होगा तो पक्का दूँगी.. अब बोलो भी..
पिंटू – तो मुझे अभी तुम्हारी चूत चाहिए.. वो भी डॉगी स्टाइल में..
बलविंदर – अरे यार.. तुम भी.. अभी तो तुम हम दोनों को चोद कर रुके हो.. अभी फिर से चाहिए.. यार शाम को दूँगी.. अभी तो मूड नहीं है.. थोड़ा दर्द भी हो रहा है..
पिंटू – तुम वादा कर मुकर गई..
बलविंदर – भाभी पिंटू को समझाओ ना प्ल्ज़.. शाम को पक्का दूँगी.. सारी रात चोदना चाहे.. भैया के सोने के बाद हम दोनों तुम्हारे कमरे में आ कर चूत मरवाएगी.. एकदम पक्का.. भाभी बोलो ना..
आंटी – हाँ.. शाम को पिंटू को तुम अपने दूसरे वाले मकान में ले जाना.. वहाँ कोई नहीं आएगा.. मैं तुम्हारे भाई की कह दूँगी की बलविंदर अपनी सहेली के यहाँ गई है.. वो खाना खा कर दूध पिएगे तो उनको नींद वाली गोली दे दूँगी.. वैसे भी वो एक बार सोने के बाद जागते ही नहीं.. मैं फ़ोन करूँ तो तुम दोनों आ जाना.. फिर सारी रात अपनी ही है..
पिंटू – यार मैंने तो तुमको रात के लिए पक्का किया था.. वैसे तुम दोनों को चोद कर थक गया हूँ यार..
बलविंदर – चलो कपड़े पहन कर सो जाओ.. मैं तुम्हें 5 बजे ले कर उधर चलूगी..
फिर आंटी बाहर चली गई.. बलविंदर मेरे पास बैठी थी.. आंटी ने चाय नाश्ता ले आई.. मैं ख़ा कर सोने लगा..
पिंटू – यार बलविंदर तुम भी मेरे पास ही सो जाओ.. तुम भी तक गई हो..
आंटी – तुम दोनों सो जाओ.. मैं जगा दूँगी..
आंटी गेट बंद कर बाहर चली गई.. बलविंदर मेरे पास आ गई.. उसने अपनी टी शर्ट उतार दी और मेरी टी शर्ट भी उतार दी.. फिर अपने मस्त दूध मेरे मुँह में देकर अपनी गोरी बाहें मेरी पीठ पर फेरने लगी..
मुझे मज़ा आने लगा..
बलविंदर – यार तुम ने तो मस्त चुदाई की.. अब मेरे दूध के मज़े लो.. आराम से सो जाओ..
फिर वो बातें कर रही थी.. मैं उसके दूध चूसते – चूसते सो गया..
कहानी कैसी लगी.. ज़रूर बताना..
शाम के 6 बजे, मेरी आँख खुली तो देखा की बलविंदर मेरे पास ही लेटी थी.. उसके दूध मस्त लग रहे थे..
मैं उसके दूध चूसते – चूसते सो गया था..
यार, भाभी तो 5 बजे जागने का कह रही थी अब तो 6 बज गये हैं.. मैंने बलविंदर को दूध पकड़ कर उठाया..
वो चूत मरवा कर, मस्त नींद ले रही थी.. फिर उसके लीप पर किस किया.. वो फिर भी सोई रही..
अब मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और रब किया तो वो जाग गई..
बलविंदर – क्या.. कर.. रहे हो.. यार .?.
पिंटू – यार, 6 बज गये.. तुम्हारे भाई कब तक आएगे .?. आंटी जी ने तो हमें जगाया ही नहीं.. आंटी को बुला कर लाओ, यार..
बलविंदर – वो तो रात को 9 – 10 बजे आएगे.. मैं भाभी जी को बुलाती हूँ..
वो तो चली गई..
थोड़ी देर बाद, आंटी आई..
आंटी – नींद ले ली, मेरे राजा.. वो तो 9 बजे आएगे.. तुम 8 बजे बलविंदर को ले कर चले जाना.. और हाँ वहाँ बलविंदर को चोदने मत लग जाना.. चुदाई के लिए मैं यहीं बुला लूँगी.. अब खाना खाओगे या कुछ और लोगे .?.
पिंटू – मैं तो दूध पी लूँगा..
आंटी – मीठा दूध..
पिंटू – मीठा नहीं बल्कि फीका.. दूध वो भी तुम्हारे दूध का..
आंटी – यार, रात को पिला दूंगी.. अब तो बहुत काम पड़ा है.. मेरे राजा.. रात को पीना.. तुम्हारे अंकल कब आएँगे पूछा क्या .?.
उसने फ़ोन मिलाया.. अंकल बोले की 8:30 – 9 बज जाएगे..
आंटी – 9 तो बज ही जाएगे.. तुम 8 बजे ही चले जाना.. मैं किचन में जा रही हूँ..
वो किचन में चली गई.. मैं 30 मिनिट तक कमरे में ही बैठा रहा.. टाइम ज़्यादा पड़ा था..
मैं किचन की तरफ चला गया.. आंटी काम कर रही थी.. उनका फेस दूसरी तरफ था.. मैंने चारो तरफ देखा तो कोई नहीं था..
मैं चुपचाप आंटी के पीछे गया और आंटी को पीछे से पकड़ लिया.. आंटी एकदम चुंक पड़ी.. फिर मुस्कुराई..
आंटी – यार, तुम हो.. मैंने सोचा कौन आ गया.. कुछ चाहिए क्या .?.
पिंटू – नहीं.. मैं अपने आप ले लूँगा..
वो काम करने लगी.. मैंने उनके दूध पकड़ लिए.. दूध तो मस्त थे ही.. उनको दबाने लगा..
फिर हाथ, कुरती के अंदर डाल दिया.. दूध पर हाथ फेरने लगा..
पिंटू – अब आप कुछ भी नहीं बोलॉगी..
आंटी – क्यों.. पिंटू..
पिंटू – वो इसलिए की अपने हाथ ऊपर करो..
उसने हाथ ऊपर किए तो फटाफट कुरती उतार दी..
फिर घाघरि का नाडा खोल दिया.. वो आधी मिनिट में ही नंगी हो गई..
आंटी – यार, कोई आ जाएगा.. किचन में तो कोई भी लेडी सबसे पहले आती है..
पिंटू – कोई बात नहीं.. उसको भी चोद देंगे..
आंटी – यार, कोई आ ना जाए.. वैसे डोर बेल बजा कर ही आएगा..
मैंने अपने कपड़े उतार दिए.. लंड एकदम खड़ा था.. मैंने उसको चूतड़ पर रखा और शॉट मार दिया..
लंड, गाण्ड में चला गया..
आंटी – अरे यार, ये तो खूब मोटा है.. निकालो यार..
मैंने उसको बाहर निकाल कर थूक डाल कर फिर शॉट मारने लगा.. आंटी ने मना किया पर 7 – 8 शॉट बाद वो कुछ नहीं बोली..
उसके चूतड़ मस्त थे.. हमारा खेल चल ही रहा था की बलविंदर आ गई.. वो हम दोनों को देख कर चौंक गई..
बलविंदर – अरे.. क्या कर रहे हो.. किचन में.. भी.. ये.. कोई आ गया तो .?.
आंटी – तुम मेन गेट का लॉक लगा आओ.. जल्दी करो..
वो फटाफट गेट को लॉक कर वापस आ गई..
आंटी – मुझे तो पिंटू छोड़ ही नहीं रहा.. तुम खाना बना लो.. बलविंदर..
बलविंदर – मैं खाना भी बना लूँगी.. और.. आपकी चुदाई भी देख लूँगी..
आंटी – मेरी तो पीछे वाली जितनी पिंटू ने मारी है.. उतनी तो आज तक नहीं मरवाई..
मैंने अब आंटी को सीधा कर गाल चूसने लगा.. बलविंदर, बस हम दोनों को ही देख रही थी..
5 मिनिट बाद, बलविंदर बोली..
बलविंदर – यार, तुम कमरे में जाओ.. मैं तुमको देखूँगी तो खाना कौन बनाएगा .?. बेड पर चुदाई कर लो.. मज़ा आएगा..
आंटी ने कपड़े उठाए और बाहर चली गई.. मैंने जाते – जाते बलविंदर के दूध दबाए और किस किया..
कहानी जारी रहेगी…
मैंने उसको बाहर निकाल कर थूक डाल कर फिर शॉट मारने लगा.. आंटी ने मना किया पर 7 – 8 शॉट बाद वो कुछ नहीं बोली..
उसके चूतड़ मस्त थे.. हमारा खेल चल ही रहा था की बलविंदर आ गई.. वो हम दोनों को देख कर चौंक गई..
बलविंदर – अरे.. क्या कर रहे हो.. किचन में.. भी.. ये.. कोई आ गया तो .?.
आंटी – तुम मेन गेट का लॉक लगा आओ.. जल्दी करो..
वो फटाफट गेट को लॉक कर वापस आ गई..
आंटी – मुझे तो पिंटू छोड़ ही नहीं रहा.. तुम खाना बना लो.. बलविंदर..
बलविंदर – मैं खाना भी बना लूँगी.. और.. आपकी चुदाई भी देख लूँगी..
आंटी – मेरी तो पीछे वाली जितनी पिंटू ने मारी है.. उतनी तो आज तक नहीं मरवाई..
मैंने अब आंटी को सीधा कर गाल चूसने लगा.. बलविंदर, बस हम दोनों को ही देख रही थी..
5 मिनिट बाद, बलविंदर बोली..
बलविंदर – यार, तुम कमरे में जाओ.. मैं तुमको देखूँगी तो खाना कौन बनाएगा .?. बेड पर चुदाई कर लो.. मज़ा आएगा..
आंटी ने कपड़े उठाए और बाहर चली गई.. मैंने जाते – जाते बलविंदर के दूध दबाए और किस किया..
बलविंदर – मेरी तो रात में लेना.. अब जाओ.. भाभी जी की मारो.. भाभी तो मस्त माल है.. घोड़ी बना के चोदना..
पिंटू – तुमको भी घोड़ी बना के पीछे से चोदुंगा.. डार्लिंग..
बलविंदर – जाओ.. यार .. ऊपर चढ़ जाओ..
मैं पास वाले कमरे में चला गया.. आंटी खड़ी थी.. मैंने उनको पकड़ा और बेड के कोने पर घोड़ी बना दी..
फिर पीछे खड़े हो कर लंड चूत में डाला.. पर लंड अंदर नहीं गया.. आंटी खड़ी हो गई और बेड पर लेट गई..
आंटी – चूत खुली नहीं है.. थोड़ी देर आगे से मारो.. फिर घोड़ी बना लेना..
मैंने लंड को चूत में नहीं डाल कर दोनों मोटे बूब्स के बीच में रख दिया.. आंटी ने अपने हाथो से दूध को पकड़ कर पास पास कर दिया..
लंड को अब मज़ा आने लगा.. दूध की मुलायम चमड़ी में लंड मस्त हो गया..
10 मिनिट तक ऐसे ही चलता रहा..
आंटी – लंड से दूध चुदाने में मज़ा आता है..
मैंने लंड को दूध से हटा कर उसके मुँह में डाल दिया.. वो लंड को पकड़ कर चूसने लगी.. मुझे मज़ा आने लगा.. फिर मैंने 2 मिनिट बाद लंड निकाल लिया..
आंटी – और चूसा लो..
पिंटू – यार मैं झड़ जाऊंगा.. तुम्हारी चूत कौन मरेगा फिर .?.
आंटी – ये बात है क्या.. लो .. चूत मार लो.. जल्दी मारो.. कहीं कोई.. आ गया तो.. बिना चुदे ही रह जाउंगी.. आग लगी है चूत में.. मार लो.. चूत.. पिंटू..
मैंने लंड चूत पर रख कर शॉट मारा.. लंड चिकनी चूत में चला गया..
मैं अब उस पर लेट गया.. उसके दूध मेरे सीने से लगे हुए थे..
उसने दोनों टाँगों को बिल्कुल पास कर लिया.. मेरा लंड उसकी चूत में था..
पैर पास करने से उसकी चूत वाली जगह एक गहरी खाई सी बन गई..
मेरा अंडकोष मस्त हो गया.. लंड के पास वाला सारा एरिया मस्त हो गया..
काफ़ी देर तक चुदाई चलती रही.. बीच बीच में मैं रुक जाता..
आंटी – यार, अब तो घोड़ी बना के चूत चोदो.. बड़ा मज़ा आएगा.. लंड सारा अंदर डाल देना..
पिंटू – चलो, मेरी रानी घोड़ा अपना लोड् ले के तैयार है..
वो जल्दी सी घोड़ी बन गई.. मैंने लंड को चूत पर रखा और शॉट मारा.. चूत चिकनी हो गई थी.. लंड अंदर चला गया..
कुछ देर शॉट मार कर, मैं उसके ऊपर चढ़ गया.. मेरा सारा शरीर उसके ऊपर था..
उसकी नंगी पीठ पर, मैं लेट गया.. मैं उसकी गर्दन और कंधे चाटने लगा.. लंड अभी भी उसकी चूत में था..
आंटी – तुम तो सच में घोड़े बन गये.. घोड़ी पर घोड़ा ऐसे ही चढ़ जाता है.. बेचारी घोड़ी तो चूत में लंड डलवा कर नीचे ही दब जाती है.. मज़ा आ रहा है.. मेरे घोड़े ऊपर ही रहना.. घोड़ी की चूत से लौड़ा बाहर मत निकलना.. अपने हाथ से मेरे लटकते दूध पकड़ के दबाओ.. यार पीछे से चूत मरवाने में बहुत मज़ा आता है.. पीछे वाले सारे भाग में मज़े से सुन्न सी हो जाती है..
मैंने उसके दूध पकड़ कर दबा दिए.. थोड़ी देर दबाता रहा.. बीच में लंड बाहर निकल कर शॉट मार कर फिर ऊपर चढ़ जाता..
आंटी – यार, घोड़ी बन कर चुदाने में मज़ा बहुत है.. घोड़ी भी घोड़े का डलवा कर ऐसे ही मज़े लेती है.. तुम्हारे अंकल तो आज तक मुझे ऐसे कभी भी नहीं चोदा.. यार ब्लू फ़िल्मो में लड़की ऐसे ही चूत चुदवाती है.. मैं सोचती थी की ये भी कोई तरीका है चुदाई का .?. .?. पहले बलविंदर सेक्स की बात इतनी खुल कर नहीं करती थी.. जब मैंने मेरी ट्रेन वाली स्टोरी सुनाई तो फिर धीरे – धीरे बातें करने लगी.. उसके फ़ोन में बहुत सारी फ़िल्मे हैं.. ऊऊ य यय्या आर र र.. मज़ा आ रहा है.. शॉट मरो.. ..
पिंटू – तुम यार अपने नीचे रज़ाई लगा लो.. मैं ऊपर चढ़ुगा तो दर्द नहीं होगा..
उसने अपने नीचे रज़ाई लगा ली.. लंड आज काफ़ी अकड़ गया था..
मैंने आंटी को अब थोड़ा नीचे से पकड़ कर शॉट धीरे – धीरे मारने लगा.. स्लो सेक्स कर आंटी को बहुत मज़ा देने वाला था..
लंड सारा बाहर निकलता और फिर बिल्कुल आराम से अंदर डालता.. ये सब मानो स्लो मोशन में हो रहा था..
लंड आज और भी टाइट हो रहा था.. जैसे – जैसे लंड अंदर जाता चूत की दीवारों से रगड़ ख़ा कर मज़ा बढ़ने लगा..
वो हर शॉट पर सिसकियाँ बढ़ रही थी.. उसकी हर आ मज़ा बढ़ा रही थी..
आंटी – ओ डार्लिंग.. आज तुम मुझे बहुत तडपा रहे हो.. .. ऊओ.. पर मज़ा भी खूब आना वाला है.. ओ मेरे राजा.. ओ ओ ओ या ओ या.. आज तुम्हारा लंड बहुत टाइट है यार.. चूत क अंदर दर्द होने लगा.. ओ मरोगे यार.. आ आ.. मार लो मेरी..
मैंने अब उसको नीचे से पकड़ लिया.. उसके दोनों मुलायम चूतड़ मेरे हाथो में थे.. मैं उनको कभी पकड़ता कभी छोड़ कर हाथ फेरने लगाता.. वो मुस्करा रही थी.. फिर आ भरने लगी..
आंटी – यार, अब स्पीड बढ़ा दो अब बर्दाश्त नहीं होता.. ओ कम ओन.. चोदो राजा.. चोदो ना.. यार क्या कर रहे हो .?. .?.
उसने मेरा लंड पकड़ कर दुबारा चूत पर रख दिया..
आंटी – शॉट मरो.. जोए शी चोदो चूत मेरी.. ओ या.. कम ओन..
मैंने आज उसको पहली बार सेक्स के लिए पागल होते देखा.. सेक्स के लिए औरत इतनी पागल भी हो जाती है.. मैंने सोचा नहीं था.. मैं उसके दूध पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा..
वो चिल्लाती रही.. मैं उसकी चूत मारने लगा..
आंटी – (•_•) आहा बहुत मज़ा है, चूत मरवाने में.. मरो मेरी.. ज़ोर से मरो.. चूत मेरी.. ओ राजा.. ऊपर चढ़ जाओ मेरे घोड़े.. घोड़ी के ऊपर आजा..
मैं उसके ऊपर चढ़ गया.. लंड और चूत का खेल वैसे ही चलता रहा..
उसकी चूत से फक फक की आवाज़ आने लगी.. वो मेरे नीचे थी.. मैं उसके ऊपर चढ़ कर हर शॉट पर मज़ा ले रहा था..
आंटी – आज जितना मज़ा कभी नहीं आया, यार.. मैं झड़ने वाली हूँ शॉट मारने बंद कर दो.. थोड़ी देर रुक कर फिर शुरू हो जाना..
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और खड़ा हो गया.. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था.. वो ना रोकती तो बाद काम हो जाता..
आंटी – तुम्हें शॉट रोकने को कहा था, लंड बाहर निकालने के लिए नहीं कहा था.. चलो ड्यूटी पर आ जाओ..
पिंटू – तुम भी ना.. मज़े लेती हो.. लो.. चूत में ये आ गया लंड..
मैंने लंड उसकी चूत में डाल कर ऊपर लेट गया..
आंटी – यार, आज बहुत मज़ा आया.. मस्त चुदाई की तुमने..
पिंटू – हाँ यार..
आंटी – चल मेरे घोड़े.. घोड़ी पे आ जा..
पिंटू – मैं तो तुम्हारे ऊपर ही हूँ.. स्टार्ट करूँ क्या .?.
मैं फिर स्लो सेक्स करने लगा 10 मिनिट बाद फिर स्पीड बढ़ा दी.. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी..
आंटी – अबकी बार रुकना मत.. चोदो.. ओ या ओ या ओ या ओ या.. ऊ.. या.. चुद गई मा आ.. चूत.. आज पानी नहीं माँगेगी.. ऊ ओह.. ओ.. श.. एया या..
मैं ज़ोर से शॉट मारने लगा.. वो पागल हो गई..
फिर 5 मिनिट बाद वो ढीली पड़ गई पर मैं अब भी जारी था..
2 मिनिट बाद, मैंने भी बहुत सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया..
मैंने लंड बाहर नहीं निकाला.. लंड अभी भी उसकी चूत में था..
कुछ देर बाद वो खड़ी हो गई.. अपने दूध पर हाथ फेरती हुई मुस्कुराई..
आंटी – यार, आज तो बड़ी चूत मारी.. मज़ा आ गया.. तुम चूत लेते हो तो पता नहीं क्या जादू करते हो चूत मस्त हो जाती है.. अब तुम बलविंदर क साथ वहाँ चले जाओ..
आंटी ने बलविंदर को आवाज़ लगाई..
बलविंदर – हाँ, बोलो भाभी.. अरे तुम कपड़े तो पहन लो.. 8 बजने वाले हैं..
आंटी – बलविंदर तुम पिंटू को ले के जाओ.. मैं फोन करूँ तब आ जाना.. लगभग 9:30 तक फोन करूँगी..
हम जाने क लिए, तैयार हो गये..
बलविंदर – चलो.. मैं तो तैयार हूँ..
आंटी – आराम से जाना.. किसी को कोई शक ना हो.. बलविंदर जाते ही चूत चुदाने मत लग जाना.. रात को ही करना है, यहाँ..
बलविंदर – भाभी, आपने तो अभी चूत मरवाई है.. और मुझ से कह रहे हो सेक्स मत करना.. क्या बात है..
आंटी – अरे यार.. मज़ा तो बनने दो.. मज़ा ही ख़तम थोड़े ही करना है..
बलविंदर – चलो, पिंटू मेरे पीछे – पीछे..
फिर हम दोनों वहाँ चले गये..
कहानी जारी रहेगी…