लेकिन मैंने जब एक झटके में लंड चुत के अन्दर घुसाया, तो मामी समझ गई कि मैं मामा नहीं हूँ. क्योंकि मेरा लंड उनकी चुत में बहुत फंस कर गया था. लंड की मोटाई से मामी के मुँह से चीख निकल गई. उन्होंने अपनी आंखें खोलीं तो मुझे अपनी चुत पर चढ़ा हुआ पाया.
मुझे देखकर मामी की गांड ही फट गई. मामी मेरे नीचे से निकलने की कोशिश करने लगीं. लेकिन मैं तो उनकी चुत में लंड को पेले ही जा रहा था. उनकी आंखों से आंसू आने लगे.
उनकी छटपटाहट के कारण मैं मामी को अपने नीचे रोक नहीं पाया. वो उठ कर अलग होकर बैठ गईं. फिर मामी ने मेरे गाल पर एक तमाचा भी लगा दिया था.
मामी रोते हुए मुझसे कह रही थीं- कमीने तू ये क्या कर रहा था? मैं तेरी मामी हूँ.
मैं लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था. मैं बोला- मैं आपसे प्यार कर रहा था मामी.
मामी मेरे लम्बे मोटे लंड को देखते हुए बोलीं- तू पागल तो नहीं हो गया?
मैंने भी बोल दिया कि हां आपकी चुत के नशे ने मुझे पागल कर दिया है मामी. देखो मेरा लंड आपकी याद में कितना अकड़ गया है.
ये कहते हुए मैं उनके सामने अपने लंड को हिलाने लगा था. मामी मेरे लंड को ही देखे जा रही थीं.
मामी ने जल्दी में अपने कपड़े सही किए … मगर उनका पेटीकोट अभी भी कुछ ऊपर को ही था. इससे मुझे अभी मामी की चुत ही दिख रही थी. मामी अब चुप थीं और कुछ नहीं कह रही थीं.
मैंने आगे बढ़ कर अपना एक हाथ उनके पेटीकोट के ऊपर से ही मामी की चुत पर हाथ रख दिया. मामी एकदम सिहर उठीं और उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया. वो बिस्तर पर मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं, तो मैं समझ गया कि मामी क्या चाह रही हैं. वो मेरे लंड से चुदना तो चाहती हैं, मगर शर्मा रही हैं.
मैं उनके पीछे से उनसे लिपट कर सट गया. मामी ने मेरा कोई विरोध नहीं किया. मेरा नंगा लंड मामी की मोटी गांड के बीच में लग गया था. मैंने अपना हाथ आगे ले जाकर मामी की चूचियों पर रख दिया, तो मामी ने हाथ को हटा दिया. मैं अपने नंगे लंड को मामी की नंगी गांड में घिसने लगा. मामी ने अपनी टांगों को हल्का सा खोल दिया, तो मेरा लंड दरार में घुस गया. मैं लंड आगे पीछे करने लगा.
कुछ देर बाद मामी को भी मजा आने लगा था. अब मैंने अपना एक हाथ फिर से आगे ले जाकर मामी के चुचों पर रख दिया. इस बार मामी ने मेरा हाथ नहीं हटाया.
मैं उनकी गांड में अपना लंड रगड़ रहा था. मामी के मुँह से अब सिसकारी निकल रही थीं. फिर मैंने मामी का मुँह अपनी तरफ किया और उन्हें किस करने लगा. एक दो पल बाद मामी भी मेरा साथ देने लगी थीं.
मामी अब खुद अपनी गांड रगड़ रही थीं. मैं मामी को सीधा करके उनके ऊपर चढ़ गया. मामी ने भी मुझे अपने ऊपर ले लिया था. हम दोनों बेताहाशा चूमाचाटी कर रहे थे. मामी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने ऊपर से हट कर बगल में खुद को किया और मामी के मुँह के पास लंड कर दिया.
मेरे मूसल लंड को देखकर मामी पहले तो डर गईं और कहने लगीं कि ये बहुत बड़ा है … मैं इसको नहीं ले सकती … इसने पहले ही मेरी चुत फाड़ दी है. मुझे बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा … सब आराम से हो जाएगा.
वो फिर भी मना करने लगीं, पर मैं नहीं माना और अपना लंड मामी के मुँह में दे दिया. मामी लंड के सुपारे पर जीभ फेरने लगीं. उनको मजा आया तो उन्होंने लंड को मुँह में अन्दर ले लिया और मजे से लंड चूसने लगीं.
कुछ ही देर में मामी मेरे लंड को बहुत तेजी से अपने मुँह में लेकर आगे पीछे करते हुए लंड चूस रही थीं. उनका सोच शायद ये था कि लंड चूसने से ही मेरा वीर्य निकल जाए और वो चुदने से बच जाएं. पर मुझे तो आज मामी की चुत और गांड दोनों फाड़नी थीं.
करीब दस मिनट की चुसाई के बाद मेरे लंड से पानी निकल गया. मामी मेरा सारा पानी पी गईं. मैं वहीं पास में लेट गया.
मामी ने सोचा कि वो चुदने से बच गईं. मामी ने अपने कपड़े ठीक किए और मेरी तरफ अपनी गांड करके लेट गईं.
रिश्तों में चुदाई की इस स्टोरी में चाहे मैंने मामी को चोदा नहीं … पर हम दोनों को मजा बहुत आया.
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