मेरा नाम परीक्षित है यह मेल मुझे 10 दिन पहले मिला था, पर समय नहीं मिल पा रहा था। आपने मेरे सारे लेखों

अन्तर्वासना के पाठकों का मैं एक बार फिर से स्वागत करता हूँ अपनी अगली कहानी में.. दोस्तो, आपके द्वारा मिल रहे ईमेल पढ़कर

मेरा नाम इमरान है और मैं आन्ध्रप्रदेश से हूँ। यह मेरी ज़िंदगी की रियल स्टोरी है। उन दिनों की बात है.. जब मैं

रानी ने दरवाज़ा बन्द कर दिया और मैं दो तीन मिनट गुजरने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा। थोड़ी देर में जूसी रानी

पहले भाग में आपने पढ़ा कि रेस्तराँ में पहुंच कर हमने क्या गुल खिलाए, कैसे मैंने वहाँ जूसी का स्वर्णामृत पिया… अब आगे: