मेरे साले की शादी हुई तो दुल्हन यानि अपनी सलहज पर मेरा दिल आ गया. एक बार नौका मिलते ही मैंने अपनी तमन्ना

मज़ा आ गया राधा रंडी तेरा पाद सूंघ कर आ आआ ऐसे ही कुतिया बानी रहो. गोपाल अपना मुँह राधा बुआ की गांड

“नरपिशाच” हाँ वो “नरपिशाच”ही था. और राधा बुआ और उन की बेटी राखी उस के गुलाम पिशाचनी. तीनो निर्वस्त थे आखे अंगारो जेसी