लेकिन उसने मुझे दबोच लिया और इस बार मजबूती से मुझे पकड़कर जोर का धक्का मारा तो लंड फिर से आधा गांड में घुस गया। उसने कुछ देर ऐसे लंड को गांड में दिए रखा और तीसरा धक्का दबा कर मारा तो पूरा लंड गांड में उतर गया।
मुझे लगा किसी ने जैसे गांड में डंडा फंसा दिया हो!
उसने पीछे से अपने हाथ मेरी चूचियों पर लाकर कस दिए और उनको दबाते हुए धीरे धीरे गांड में लंड को आगे पीछे करना शुरु किया। मेरा दर्द हल्का सा कम हुआ और मैं उसका साथ देने लगा, अब उसका लंड काफी हद तक गांड में अंदर बाहर होने लगा, वो मेरी चूची दबाता हुआ मेरी गांड को पेलने लगा।
जाट का लंड था तो मज़ा भी दोगुना दे रहा था.. कुछ देर बाद मैं जन्नत में जाने लगा… वो भी मेरी चूचियों को दबाते हुए मस्ती से मुझे चोद रहा था.. 20 मिनट तक उसने मुझे चोदा और वो मेरी गांड में झड़ गया.. मुझे बहुत आनन्द आया।
उसके बाद वो तुरंत नहाकर आया और मेरा बिस्तर अलग लगवा दिया..
मैंने कहा- अब मैं आपको बिल्कुल परेशान नहीं करूँगा लेकिन मुझे अपने पास सोने दो..
लेकिन वो नहीं माना..
मैं भी कहाँ मानने वाला था.. उसके सोने के बाद फिर से उसके पास जाकर उससे चिपक गया और रात भर उसको प्यार किया।
उस घटना के बाद वो एक बार फिर मुझे अपने दोस्त के रूम पर बुलाकर चोद चुका है और मैंने भी अपनी गांड उसके नाम कर दी है।
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