मेरी गर्लफ्रेंड के स्तन उतने ही बड़े हैं जितने कि उसके शरीर के हिसाब से होने चाहिएं!

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इस अन्तर्वासना स्टोरी हिंदी में मजा लें कि मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की तमन्ना अधूरी रह गयी. मैं गर्लफ्रेंड को मूवी दिखाने ले गया. लेकिन उसने हाथ नहीं लगाने दिया. फिर भी …

दोस्तो, आज मैं आपको एक मजेदार अन्तर्वासना स्टोरी हिंदी में बताने जा रहा हूँ. जिसे पढ़कर आपको बहुत मजा आने वाला है।

मेरा नाम रॉकी (बदला हुआ नाम) है. रंग, रूप, लम्बाई, मोटाई इत्यादि अदरक-लहसुन जानकर आप क्या करोगे? इसलिए केवल आम खाओ और लौड़ा सहलाओ!

यह किस्सा मेरा और मेरी गर्लफ्रेंड का है।
हां… सही सुना! वही अंग्रेजी वाली गर्लफ्रेंड!

बाकी सबकी तरह अकेले नहीं हैं गुरू! मैं तो इस पेज का नियमित पाठक हूं. बहुत सारी काल्पनिक कहानियां पढ़ी हैं मैंने यहां. तो सोचा कि क्यों न कुछ अच्छा ही डाल दिया जाये.

अब मैं आपको बताता हूँ कि मैंने गर्लफ्रेंड की चुदाई की कोशिश कैसे की.

तो जी हां, जैसे मैंने बताया कि मेरी गर्लफ्रैंड है जो दिखने में बहुत अच्छी है. खूबसूरत शब्द का इस्तेमाल इसलिए नहीं किया क्योंकि दुनिया में खूबसूरत चीजें स्त्री के शरीर से बढ़कर और भी हैं ग़ालिब!

उसकी लंबाई एक नार्मल लड़की की तरह ही है, चेहरा साफ और आकर्षक है जिसको देख कर किसी का भी दिल उस पर आ जाये. जाँघें इतनी भरी हुई हैं कि कोई भी देखते ही उसे खाने को हो जाये जैसे कि नॉन वेज लोग लेग पीस को खाने के लिए हो जाते हैं.
(मुंह में पानी मत लाना आगे और भी है.)

कमर तो ऐसी है कि एक बार हाथ लगाओ तो बस हटाने का मन ही न करे, इतनी भरी हुई और गदराई हुई।
और अब दिल थाम कर बैठ जायें. अब असली चीज की डिटेल्स आपके सामने आने ही वाली हैं.

डिस्क्लेमर: (अस्वीकार्यता)- कहानी में गर्लफ्रेंड का सम्मान बनाये रखने के लिए ज्यादा अश्लील शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है. इसलिए आपसे निवेदन है कि विनम्रता बनाये रखें. अगर उसने ये कहानी पढ़ ली तो मैं उससे नजर नहीं मिला पाऊंगा.

तो दोस्तो, मेरी जान के होंठ इतने सुर्ख़ और नर्म हैं कि एक बार छू लूं तो हटाने का मन नहीं करता है। स्तनों की बात तो क्या करूँ आपसे … उसके स्तनों की गर्मी ऐसी है कि उसको गले लगाते ही सीना गर्म होने लग जाता है. अगर उनको हाथ में भर लूं तो सोचो कि क्या होता होगा!

मेरी गर्लफ्रेंड के स्तन उतने ही बड़े हैं जितने कि उसके शरीर के हिसाब से होने चाहिएं. एकदम से मुलायम, गोरे और मखमली से नर्म-नर्म. जब भी उससे मिलता हूं तो मन करता है कि उसके स्तनों को दबाता ही रहूं. उससे बेहतर आरामदेह तकिया कोई हो ही नहीं सकता.

दरअसल पहली बार जब उसको देखा तो उसके स्तन देख कर ही उससे प्यार हो गया था. चेहरे पर ध्यान तो बाद में गया था जैसा कि अक्सर होता ही है. लोग पहले बॉडी स्कैन करते हैं और चेहरा बाद में ही देखते हैं.

यह वाकया तब का है जब एक बार मैं और मेरी गर्लफ्रेंड फिल्म देखने के लिए एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स के सिनेमा हॉल में गये हुए थे. फिल्म में तो मुझे कोई रुचि थी ही नहीं. मैं तो बस बैठने के लिए बैठा हुआ था और इंतजार कर रहा था कि कब मुझे कुछ करने का मौका मिले.

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे धीरे उसके नर्म कोमल हाथ को सहलाने लगा.
उसने झटके से अपने हाथ को हटा लिया और बोली- क्या कर रहा है?
मैंने कहा- क्या हुआ यार?
वो बोली- ये सब क्या था? ये सब यहां नहीं।

उसका जवाब सुन कर मैंने भी मन मार लिया और इन्तजार करने लगा।

जैसे तैसे फ़िल्म खत्म हुई और हम बाहर निकले. निकलते ही मैंने उसे पास करते हुए बोला- मुझे कुछ करना है।
उसने पूछा- क्या करना है अब तुझे?

मैंने बोला- तुम्हें गले लगाने का मन कर रहा है।
वो बोली- ओह्ह, तो फिर यहां खुले में लगायेगा क्या? यहाँ नहीं.
मैं- यहां नहीं तो फिर चलो.
वो बोली- कहां?

उसको मैं वॉशरूम की तरफ ले गया और कहा- जल्दी से लेडीज वॉशरूम में जाओ और लास्ट वाले केबिन में जाकर बैठ जाना. थोड़ी देर के बाद मैं वहीं आता हूं. और हां, दरवाजा अंदर से लॉक मत करना.
यह प्लान सुनकर उसने थोड़ी आनाकानी तो की लेकिन फिर बाद में सहमत हो गयी.

मैं वॉशरूम के अंदर जाकर जेंट्स वाली साइड में चला गया और हल्का होने लगा. फिर मैंने आसपास का मुआयना किया कि कोई है तो नहीं.

सुनिश्चित होने पर मैंने बाहर देखा तो कोई नहीं था. फिर गर्लफ्रेंड को मैसेज किया और पूछा कि उसकी साइड में तो कोई नहीं है? उसने रिप्लाई में कहा कि जब आई थी तो कोई नहीं था. मैंने फिर से एक बार आसपास देखा. किसी को आसपास न पाकर मैं सीधा लेडीज वॉशरूम में घुस गया.

प्लान के मुताबिक वो पहले से ही लास्ट वाले केबिन में बैठी हुई थी और दरवाजा खुला हुआ था. मैं जल्दी से अंदर वाले केबिन में घुस गया और फटाक से दरवाजा बंद कर लिया और एक लम्बी गहरी सांस ली.

हमने सब कुछ पहले से ही सोचा हुआ था लेकिन फिर भी वो चौंक गयी. मैं उसकी तरफ देख कर हँसा तो वो झेंप गयी. मैंने उसका हाथ थाम कर उसको अपनी ओर खींच लिया और उसको गले से लगा लिया.

उसके स्तन मेरी छाती को छू रहे थे, बल्कि ये कहूं कि एकदम से सटे हुए थे. उसके बूब्स की गर्मी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके स्तनों के टच होते ही मेरा नीचे वाला हथियार अपने रंग में आ गया था.

पांच मिनट तक मैं उससे लिपटा रहा. लंड बार बार उछल कूद कर रहा था. मन तो और भी बहुत कुछ करने का कर रहा था लेकिन लड़कियों के साथ थोड़ा देख कर ही पेश आना पड़ता है.

फिर वो चलने के लिए कहने लगी. मगर मन उसे छोड़ने का कहां कर रहा था. ऐसे ही उससे लिपटे हुए मैंने उसकी गर्दन पर एक किस कर दिया. वो सिहर उठी और मेरे बदन से और जोर से लिपट गयी.

अब उसके स्तन मेरी छाती पर आकर और ज्यादा कस गये. मैं उसकी गर्दन पर लगातार किस कर रहा था और उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था.

अचानक मैंने उसके टॉप को पीछे से थोड़ा उठाकर अपने हाथ को अंदर घुसा लिया और उसकी मखमली सी पीठ को सहलाने लगा.
उसे मजा आने लगा. वो मेरे गले में बांहें डाल कर मुझसे लिपटी रही.

मैं एकदम से हटा और उसके सामने खड़ा हो गया. वो मुझे देखने लगी और मैं उसकी तरफ देखने लगा.

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